Kishore Kumar and Lata Mangeshkar - Ankhon Men Humne Aapke Sapne
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं
पलकें उठा के आपने जादू जगाए हैं
सपना भी आप ही हैं, हक़ीक़त भी आप हैं
सपना भी आप ही हैं, हक़ीक़त भी आप हैं
बस आप आप आप ही मुझमें समाए हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं
आँखों का रंग ढूँढा है हीरे तराश कर
दिल में सजाएँगे ये रंग यूँ ही उम्र भर
मुश्किल से ज़िंदगी के
मुश्किल से ज़िंदगी के रंग हाथ आए हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं
दोहराए जाएँगे ना ये लम्हात अब कभी
सपनों में भी ना छूटेगा ये साथ अब कभी
मिलती है ज़िंदगी जब आप मुस्कुराए हैं
मिलती है ज़िंदगी जब आप मुस्कुराए हैं
ये दिल कुछ ऐसे आप के सजदे में झुक गया
नज़रें उठाईं आपने तो वक़्त रुक गया
ठहरे हुए पलों में, ज़माने बिताए हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं
आ बस आप आप आप ही मुझमें समाए हैं
आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं (आँखों में हमने आप के सपने सजाए हैं)
Written by:
GULZAR, KHAIYYAAM
Publisher:
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