Jagjit Singh and Chitra Singh - Bahut Pahele Se Un Kadmo Ki Aahat Jaan Lete Hain

बहुत पहले से उन कदमो की आहट जान लेते है
बहुत पहले से उन कदमो की आहट जान लेते है
तुझे ऐ ज़िन्दगी

ऐ ज़िन्दगी

तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते है (तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते है)
बहुत पहले से (बहुत पहले से)

तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातो में
तबियत अपनी घबराती है जब सुनसान रातो में
हम ऐसे में तेरी यादो की चादर तान लेते है
हम ऐसे में तेरी यादो की चादर तान लेते है
बहुत पहले से

मेरी नज़रे भी ऐसे काफ़िरो का जान-ओ-ईमान है
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते है
निगाहें मिलते ही जो जान और ईमान लेते है
बहुत पहले से

फिराक अक्सर बदलकर भेष मिलता है कोई काफिर
फिराक अक्सर बदलकर भेष मिलता है कोई काफिर

कभी हम जान लेते है कभी पहचान लेते है (कभी हम जान लेते है कभी पहचान लेते है)
बहुत पहले से उन कदमो की आहट जान लेते है (बहुत पहले से उन कदमो की आहट जान लेते है)
तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते है (तुझे ऐ ज़िन्दगी हम दूर से पहचान लेते है)
बहुत पहले से (बहुत पहले से)

Written by:
FIRAQ GORAKHPURI, JAGJIT SINGH

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Jagjit Singh and Chitra Singh

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