Hariharan - Ban Nahin Paya
बन नहीं पाया जो मेरा
हुंसफर कहना उसे
बन नहीं पाया जो मेरा
हुंसफर कहना उसे
मैं नहीं अवँगा अब के लौट कर कहना उसे
मैं नहीं अवँगा अब के लौट कर कहना उसे
बन नहीं पाया
उम्र जैसे रास्ते का
बॉज़ बनके रह गयी
उम्र जैसे उम्र जैसे
उम्र जैसे रास्ते का
बॉज़ बनके रह गयी
किस कदर महनगा पड़ा है
यह सफ़र कहना उसे
किस कदर महनगा पड़ा है
यह सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया
जब वो बिच्छादाता था
तो खाली हाथ अब रुखसत किया
जब वो बिच्छादाता था
बिच्छादाता था बिच्छादाता था
जब वो बिच्छादाता था
तो खाली हाथ अब रुखसत किया
दे गया है शेर
कहने का हुनर कहना उसे
दे गया है शेर
कहने का हुनर कहना उसे
बन नहीं पाया
पहले रसीद साथ चलने
पर उसे राज़ी करो
पहले रसीद साथ चलने
पर उसे राज़ी करो
फिर हवाओ मैं
चरागो का सफ़र कहना उसे
फिर हवाओ मैं
चरागो का सफ़र कहना उसे
बन नहीं पाया जो मेरा
हुंसफर कहना उसे
मैं नहीं अवँगा
अब के लौट कर कहना उसे
बन नहीं पाया जो मेरा
हुंसफर कहना उसे
बन नहीं पाया.
Written by:
HARIHARAN, MUMTAZ RASHID
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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