Indian Ocean - Bandheh
अरे रुक जा
अरे थम जा
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे नींदें हैं ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
की करवट फट पड़ेगी, हो
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे रुक जेया रे बंदे
अरे थम जेया रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद ये गुम सुम
इबादत थक पड़ेगी, हो
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तान के रास्ते
अरे लतपथ चलेगी, हो
किसे काफ़िर कहेगा
किसे कायर कहेगा
तेरी कब तक चलेगी? हो
किसे काफ़िर कहेगा
किसे कायर कहेगा
तेरी कब तक चलेगी? हो
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे मंदिर ये चुप है
अरे मस्जिद ये गुम सुम
इबादत तक पड़ेगी, हो
समय की लाल आँधी
कब्रिस्तान के रास्ते
अरे लतपथ चलेगी, हो
अरे रुक जा रे बंदे
अरे थम जा रे बंदे
की कुदरत हंस पड़ेगी, हो
अरे नींदें हैं ज़ख़्मी
अरे सपने हैं भूखे
की करवट फट पड़ेगी, हो
ये अंधी चोट तेरी
कभी की सुख जाती
मगर अब पक चलेगी
Written by:
INDIAN OCEAN, PIYUSH MISHRA
Publisher:
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