Talat Mahmood and एस. डी. बर्मन - Bharam Teri Wafaon Ke

भरम तेरी वाफ़ाओं का
मिटा देते तो क्या होता
भरम तेरी वाफ़ाओं का
मिटा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम परदा
उठा देते तो क्या होता
तेरे चेहरे से हम परदा
उठा देते तो क्या होता
भरम तेरी वाफाओ का
मोहब्बत भी तिजारत हो गयी है
इस ज़माने में
मोहब्बत भी तिजारत हो गयी है
इस ज़माने में
अगर ये राज़ दुनिया को
बता देते तो क्या होता
भरम तेरी वाफ़ाओं का
तेरी उम्मीद पर जीने से
हासिल कुछ नही लेकिन
तेरी उम्मीद पर जीने से
हासिल कुछ नही लेकिन
अगर यूही ना दिल को आसरा
देते तो क्या होता
अगर यूही ना दिल को आसरा
देते तो क्या होता
भरम तेरी वाफ़ाओं का

Written by:
S D Burman, Sahir Ludhianvi

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Talat Mahmood and एस. डी. बर्मन

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