Lata Mangeshkar - Bichhde Huye Pardesi

बिछड़े हुए परदेसी
बिछड़े हुए परदेसी
इक बार तो आना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी

वादे भी किए तूने खाई थी क़सम मेरी
वादे भी किए तूने खाई थी क़सम मेरी
वादों पे ही जीती हूँ है आस मुझे तेरी
इतनी है अरज मेरी
मुझको ना भुलाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी

दुनिया मुझे छीने है सबने मुझे घेरा है
दुनिया मुझे छीने है सबने मुझे घेरा है
और मेरी ज़ुबाँ पर तो बस नाम ही तेरा है
दुनिया ना हँसे मुझ पर इतना ना रुलाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी

गैरों का ना हो जाना जब अपना बनाया है
गैरों का ना हो जाना जब अपना बनाया है
पास आके ना खो जाना जब दिल में बसाया है
जो बात कही तूने वो बात निभाना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें ना चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी
इक बार तो आना तू
जब आँख मिलाई है
नज़रें न चुराना तू
बिछड़े हुए परदेसी

Written by:
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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