Ghulam Ali - Bikharti Zulf Ki

बिखरती ज़ुलफ की
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो
तुम अपनी शाम की तनहाईयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो
तुम अपनी शाम की तनहाईयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो

ये लहर लहर बदन टूट ही ना जाए कही
ये लहर लहर बदन टूट ही ना जाए कही
ये लहर लहर बदन टूट ही ना जाए कही
खुमार ए हुस्न की अंगडायाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो

मैं तुमको याद करूँ और तुम चले आओ
मैं तुमको याद करूँ और तुम चले आओ
मैं तुमको याद करूँ और तुम चले आओ
मोहब्बतो की ये सचाईयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो

मैं डूब जौन तुम्हारी उदास आँखो मे
मैं डूब जौन तुम्हारी उदास आँखो मे
मैं डूब जौन तुम्हारी उदास आँखो मे
तुम अपने दर्द की गहराइयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो
तुम अपनी शाम की तनहाईयाँ मुझे दे दो
बिखरती ज़ुलफ की परच्छाइयाँ मुझे दे दो

Written by:
GHULAM ALI, NAZEER QAISER

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

Lyrics powered by Lyric Find

Ghulam Ali

Ghulam Ali

View Profile