विवेक सिंह and Danvendra Arya - Chand Si Mehbooba Ho Meri [LoFi]
ना कस्मे हैं ना रस्मे हैं
ना शिकवे हैं ना वादे हैं
एक सूरत भोली भाली है
दो नैना सीधे सादे हैं
दो नैना सीधे सादे हैं
ऐसा ही रूप खयालो में था
जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
मेरी खुशियाँ ही ना बाटे
मेरे ग़म भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वह महलों के
मेरे दिल में रहना चाहे
मेरे दिल में रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा
जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
चाँद सी महबूबा हो मेरी
कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो
जैसा मैंने सोचा था
Written by:
ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH
Publisher:
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