Lata Mangeshkar - Chandan Ki Naiya Pe Hoke Sawar

चंदन की नैय्या पे हो के सवार गोरी
करके सिंगार देखो चली उस पार देखो
चली उस पार

चंदन की नैय्या पे हो के सवार गोरी
करके सिंगार देखो चली उस पार देखो
चली उस पार चंदन की नैय्या पे

दिल मे उमंग लिए, अँखियो मे रंग लिए
नैना झुकाए चली है कहाँ

आ आ आ

हाथो मे हार ले के, नैनो मे प्यार ले के
गोरी के साजन खड़े है जहाँ

गोरी के साजन खड़े है जहाँ

हो अपने बालमवा की सुन के पुकार गोरी

करके सिंगर देखो चली उस पार
देखो चली उस पार चंदन की नैय्या पे

दूर नगर पी का, हाल बुरा जी का
रह-रह के शोर मचाए जिया
दूर नगर पी का, हाल बुरा जी का
पचछटाए अब गोरी यह क्या किया

पचछटाए अब गोरी यह क्या किया

हँसी-हँसी मे कैसी हो गयी हार गोरी
करके सिंगर देखो चली उस पार
देखो चली उस पार चंदन की नैय्या पे
हो के सवार गोरी
करके सिंगार देखो चली उस पार
देखो चली उस पार

Written by:
KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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