Amol Kulkarni - Chingari Koi Bhadke
हम्म
चिंगारी कोई भड़के
चिंगारी कोई भड़के
तोह सावन उसे बुझाये
सावन जो अगन लगाये
उसे कौन बुजाये
ओ उसे कौन बुजाये
पतझड़ जो बाग उजाड़े
वोह बाग बहार खिलाये
जो बाग बहार में उजड़े
उसे कौन खिलाए
ओ उसे कौन खिलाए
हमसे मत पूछो कैसे
मंदिर टुटा सपनो का
हमसे मत पूछो कैसे
मंदिर टुटा सपनो का
लोगो की बात नहीं है
येह किस्सा हैं अपनो का
कोई दुश्मन ठेस लगाए
तोह मीत जिया बेहलाए
मनमीत जो घांव लगाये
उसे कौन मिटाए
ना जाने क्या हो जाता
जाने हम क्या कर जाते
ना जाने क्या हो जाता
जाने हम क्या कर जाते
पीते हैं तोह जिन्दा है
ना पिते तोह मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे
तोह मदिरा प्यास बुजाये
मदिरा जो प्यास लगाए
उसे कौन बुजाये
ओ उसे कौन बुजाये
माना तूफान के आगे
नहीं चलता जोर किसी का
माना तूफान के आगे
नहीं चलता जोर किसी का
मौजो का दोष नहीं है
येह दोष हैं और किसी का
मझधार में नैया डोले
तोह माझी पार लगाये
मांझी जो नाव डुबोए
उसे कौन बचाए
ओ उसे कौन बचाए
चिंगारी हम्म हम्म हम्म हम्म
Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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