Asha Bhosle - Dard Jab Teri Ata Hai To Gila Kis Se Karen
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
हिज्र जब तूने दिया है
तो मिला किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
अक्स बिखरा है तेरा
टूट के आईने के साथ
अक्स बिखरा है तेरा
टूट के आईने के साथ
हो गई ज़ख़्म नज़र अक्स
चुना किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
मैं सफ़र में हूँ
मेरे साथ जुदाई तेरी
मैं सफ़र में हूँ
मेरे साथ जुदाई तेरी
हमसफ़र ग़म हैं तो फिर किसको
जुदा किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
खिल उठे गुल
या खुले दस्त-ए-हिनाई तेरे
खिल उठे गुल
या खुले दस्त-ए-हिनाई तेरे
हर तरफ़ तू है तो फिर तेरा
पता किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
तेरे लब तेरी निगाहें
तेरा आरिज़ तेरी ज़ुल्फ़
तेरे लब तेरी निगाहें
तेरा आरिज़ तेरी ज़ुल्फ़
इतने ज़िंदा हैं तो इस दिल को
रिहा किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
हिज्र जब तूने दिया है
तो मिला किससे करें
दर्द जब तेरी अता है
तो गिला किससे करें
Written by:
GHULAM ALI SH, MANZOOR AHMER
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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