Lata Mangeshkar and अमित कुमार - Dekho Maine Dekha Hai Ek Sapna
देखो मैंने देखा है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
कितना हसीन है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आया आया आया आया आजा
यहाँ तेरा मेरा नाम लिखा है
रस्ता नहीं ये आम लिखा है
हो ये है दरवाजा जहाँ तू खड़ी है
अंदर आ जाओ सर्दी बड़ी है
यहाँ से नज़ारा देखो पर्वतों का
झाकूँ मैं कहाँ से कहाँ है झरोखा
ये यहाँ है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
कितना हसीन है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आया आया आया आया आजा
अच्छा ये बताओ कहाँ पे है पानी
बाहर बह रहा है झरना दीवानी
बिजली नहीं है यही इक ग़म है
तेरी बिंदिया क्या बिजली से कम है
छोड़ो मत छेड़ो बाज़ार जाओ
जाता हूँ जाऊँगा पहले यहाँ आओ
शाम जवाँ है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
देखो मैंने देखा है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
कैसी प्यारी है ये छोटी सी रसोई
हो हम दोनों हैं बस दूजा नहीं कोई
इस कमरे मे होंगी मीठी बातें
उस कमरे में गुज़रेंगी रातें
ये तो बोलो होगी कहाँ पे लड़ाई
मैंने वो जगह ही नहीं बनाई
प्यार यहाँ है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
कितना हसीन है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
देखो मैंने देखा है ये इक सपना
फूलों के शहर में है घर अपना
क्या समा है तू कहाँ है
मैं आई आई आई आई आजा
मैं आई आई आई आई आजा
मैं आई आई आई आई आजा
मैं आई आई आई आई आजा
Written by:
ANANDSHI BAKSHI, R D Burman
Publisher:
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