Vilas Patil and Sadhana Sargam - Dheere Dheere Man

धीरे धीरे मन में समाने लगे तुम
आँखों से दिल में आने लगे तुम
धीरे धीरे मन में समाने लगे तुम
आँखों से दिल में आने लगे तुम
अदा हर तुम्हारी ग़ज़ब की अदा हैं
अदाओ से अपनी लुभाने लगे तुम

पहली नज़र में भाने लगे तुम
जाने क्यों जाने पहचाने लगे तुम
पहली नज़र में भाने लगे तुम
जाने क्यों जाने पहचाने लगे तुम
दीवानी थी मैं तो कितने जनम से
मुझ जैसे मुझको दीवाने लगे तुम
पहली नज़र में भाने लगे तुम
जाने क्यों जाने पहचाने लगे तुम

ज़ुल्फ़ों के पेचो में हैं खुश्बू के डेरे
रहते हैं घेरे दिल को ये मेरे

ज़ुल्फ़ों के पेचो में हैं खुश्बू के डेरे
रहते हैं घेरे दिल को ये मेरे
चुपके से आके आँगन में दिल के
दिल के चमन को महकाने लगे तुम
धीरे धीरे मन में समाने लगे तुम
आँखों से दिल में आने लगे तुम

बरसाये तुमने जो प्यार के बादल
भीगा हैं उन् में इस मन्न का आँचल

हो बरसाये तुमने जो प्यार के बादल
भीगा हैं उन् में इस मन्न का आँचल
सर्द सर्द सासो की चिंगारिओ से
तन मन में शोले जगाने लगे तुम
पहली नज़र में भाने लगे तुम
जाने क्यों जाने पहचाने लगे तुम

आँखों में डोलती हैं नगमो की कश्तिया
होठों पे थिरकती हैं तरन्नुम की मस्तिया

आँखों में डोलती हैं नगमो की कश्तिया
होठों पे थिरकती हैं तरन्नुम की मस्तिया

मचल ने लगा हैं हर एक लम्हा
प्यार में जब से गुनगुना ने लगे तुम

धीरे धीरे मन में समाने लगे तुम (धीरे धीरे मन में समाने लगे तुम)
आँखों से दिल में आने लगे तुम (आँखों से दिल में आने लगे तुम)

Written by:
PRAKASH RAHULE AADAM, S. CHATURSEN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Vilas Patil and Sadhana Sargam

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