Asha Bhosle - Dil Hi Dil Mein
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
और सहें घूम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
और सहें घूम डोर ही डोर
तुमसे कौनसी आश् बँधी थी
तुम से रहें हम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
तुमने हुमको जब भी देखा
सुकरा बालक थे या खामोश
तुमने हुमको जब भी देखा
सुकरा बालक थे या खामोश
यूँ तो अक्षर रोए लेकिन
च्छूप च्छूप कांसूँ डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
और सहें घूम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
एक वो आने के उनकी ज़रा सी
बात घावारा कर ना सके
एक वो आने के उनकी ज़रा सी
बात घावारा कर ना सके
एक ये हाल के याद में उनके
रोए थे हम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
डार्क तालंब पे खुश थे की आक्हीर
काम लिया ददाई से
डार्क तालंब पे खुश थे की आक्हीर
काम लिया ददाई से
किसको खबर हैं झलते रहे हम
झलते रहे हम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
और सहें घूम डोर ही डोर
तुमसे कौनसी आश् बँधी थी
तुम से रहें हम डोर ही डोर
दिल ही दिल में सुलाघ के बुझे हम
Written by:
NAZAR HUSSAIN, ZIA JALUNDHARI
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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