Jubin Nautiyal - Dil ka haal
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं मैं
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं
सुन ले यूँ तो बातें सारी
सुनता ना प्यार मेरा
क्यूँ मैं कहूँ फिर भला
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं
जब तू मेरा कुछ भी नही है
फिर क्यूँ तू अपना लगे है
जब तू मेरा कुछ भी नही है
फिर क्यूँ तू अपना लगे है
आँखें मेरी देखती हैं जिसे भी
चेहरा तुझी सा लगे है
लगने लगे हैं सभी चेहरे अपने
बस तू बेगाना लगे है
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं
दिल ये पागल समझे नही रे
कुछ भी है ये माँग ले
दिल ये पागल समझे नही रे
कुछ भी है ये माँग ले
चाहे कभी तो तू सोचे मुझे भी
कभी तो मेरा नाम ले
पा ना सके ये जिसे ज़िंदगी में
उसे ज़िंदगी मान ले
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं मैं
सुंले यूँ तो बातें सारी
सुनता ना प्यार मेरा
क्यूँ मैं कहूँ फिर भला
तुझसे मैं दिल का हाल कहूँ
या चुप रहूं
Written by:
PRATYUSH PRAKASH, SHAYADSHAH SHAHEBDIN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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