Asha Bhosle and R.D. Burman - Dil Ke Dushman Pe Dil Aaya

दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया
दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया
याद में उसकी रात को रोए
न वो सोया न हम सोए
दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया

ज़िन्दगी के मोड़ पे हम मिले इस तरह
जैसे एक मुसाफिर पूछे दूजे का पता
ज़िन्दगी के मोड़ पे हम मिले इस तरह
जैसे एक मुसाफिर पूछे दूजे का पता
देख के सोच अब कहा जाना
यही हैं मंज़िल यही हैं ठिकाना
दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया
याद में उसकी रात को रोए
न वो सोया न हम सोए

जीने को तो अब तक जिए थे अकेले
अच्छे कहा लगते थे दुनिया के मेले
जीने को तो अब तक जिए थे अकेले
अच्छे कहा लगते थे दुनिया के मेले
साथी बिना ज़िन्दगी सजा हैं
दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया
याद में उसकी रात को रोए
न वो सोया न हम सोए
दिल के दुसमन पे दिल आया
आँखे मिली तो दिल में समाया

आज उनसे मुलाक़ात अपनी हैं दूजी
मिलने की दोबारा जाने क्यों सूझी
आज उनसे मुलाक़ात अपनी हैं दूजी
मिलने की दोबारा जाने क्यों सूझी
क्यों न मुलाकात आगे बदले
अपना अपना दर्द मितले
आँखे मिली तो दिल में समाया
याद में उसकी रात को रोए
न वो सोया न हम सोए
आँखे मिली तो दिल में समा

Written by:
M G Hashmat, R D Burman

Publisher:
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Asha Bhosle and R.D. Burman

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