Mohammed Rafi - Dil Ke Jharokhe Mein

दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास
दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास

कल तेरे जलवे पराये भी होंगे
लेकिन झलक मेरे ख्वाबों में होगी
फूलों की डोली में होगी तू रुखसत
लेकिन महक मेरी सांसों में होगी
कल तेरे जलवे पराये भी होंगे
लेकिन झलक मेरे ख्वाबों में होगी
फूलों की डोली में होगी तू रुखसत
लेकिन महक मेरी सांसों में होगी
दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास

अब भी तेरे सुर्ख होठों के प्याले
मेरे तसव्वुर में साक़ी बने हैं
अब भी तेरी ज़ुल्फ़ के मस्त साये
बिरहा की धूप में साथी बने हैं
अब भी तेरे सुर्ख होठों के प्याले
मेरे तसव्वुर में साक़ी बने हैं
अब भी तेरी ज़ुल्फ़ के मस्त साये
बिरहा की धूप में साथी बने हैं
दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास

मेरी मुहब्बत को ठुकरा दे चाहे
मैं कोई तुझसे ना शिकवा करुंगा
आँखों में रहती हैं तस्वीर तेरी
सारी उमर तेरी पूजा करुंगा
मेरी मुहब्बत को ठुकरा दे चाहे
मैं कोई तुझसे ना शिकवा करुंगा
आँखों में रहती हैं तस्वीर तेरी
सारी उमर तेरी पूजा करुंगा
दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास
दिल के झरोखे में तुझको बिठाकर
यादों को तेरी मैं दुल्हन बनाकर
रखूँगा मैं दिल के पास मत हो मेरी जाँ उदास

Written by:
JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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