Armaan Malik and तुलसी कुमार - Dil Ke Paas [Unplugged]
पल पल दिल के पास तुम रेहती हो
पल पल दिल के पास तुम रेहती हो
जीवन मीठी प्यास यह कहती हो
पल पल दिल के पास तुम रेहती हो
हर शाम आँखों पर
तेरा आँचल लहराए
हर रात यादों की बारात ले आए
मैं साँस लेता हू
तेरी खुश्बू आती हैरेहती
एक मेहका मेहका सा
पैगाम लाती हे
मेरे दिल की धड़कन भी
तेरे गीत गाती है
पल पल दिल के पास
कल तुझको देखा था
मैने अपने आँगन में
जैसे केह रहे थे तुम
मुझे बाँध लो बंधन में
यह कैसा रिश्ता है
यह कैसे सपने हैं
बेगाने होकर भी
क्यूँ लगते अपने हैं
मैं सोच में रेहती हूँ
दर दर के केहती हूँ
पल पल दिल के पास तुम रेहते हो (तुम रेहती हो)
पल पल दिल के पास तुम रेहते हो (तुम रेहती हो)
Written by:
ABHIJIT SHARAD VAGHANI, ANANDJI V. SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH, KRISHAN RAJENDRA
Publisher:
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