DJ Harshit Shah, Mukesh and DJ MHD IND - Kahin Door Jab Din Dhal Jaye [Jhankar Beats]

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए

मेरे ख़यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाए

दीप जलाए
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आए

कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें
भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें

कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें
भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें
तभी मचल के, प्यार से छलके
छुए कोई मुझे पर नज़र न आए

नज़र न आए
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए

चुपके से आए (चुपके से आए)

दिल जाने मेरे सारे भेद ये कैसे
होगये कैसे मेरे सपने सुनहरे
दिल जाने मेरे सारे भेद ये कैसे
होगये कैसे मेरे सपने सुनहरे

यह मेरे सपने यहि तोह अपने
मुझे से जुड़ा न होंगे इनके साये(इनके साये )

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए
मेरे ख़यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाए
दीप जलाए
कहीं दूर
जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन
बदन चुराए
चुपके से आए (चुपके से आए)

Written by:
Yogesh, Salil Chowdhury

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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DJ Harshit Shah, Mukesh and DJ MHD IND

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