Jagjit Singh and Chitra Singh - Din Guzar Gaya
दिन गुजर गया, ऐतबार में
दिन गुजर गया, ऐतबार में
रात कट गई इंतजार में
वो मज़ा कहाँ बसले याद में
वो मज़ा कहाँ बसले याद में
लुत्फ जो मिला इंतजार में
उनकी इक नज़र काम कर गई
उनकी इक नज़र काम कर गई
होश अब कहां होशियार में
होश अब कहां होशियार में
मेरे कब्ज़े में आईना तो है
मेरे कब्ज़े में आईना तो है
मैं हूं आपके इख्तियार में
आंख तो उठे फूल की तरफ
आंख तो उठे फूल की तरफ
दिल उलट गया हुस्न-हार में
दिल उलट गया हुस्न-हार में
तुमसे क्या कहें, कितने गम सहें
तुमसे क्या कहें, कितने गम सहें
हमने बे-वफा तेरे प्यार में
फिक्र-ए-आशियान हर खजाम की
फिक्र-ए-आशियान हर खजाम की
आशियां जला हर बहार में
आशियां जला हर बहार में
किस तरह ये गम भूल जाएं हम
किस तरह ये गम भूल जाएं हम
वो जुदा हुआ इश्तिहार में
दिन गुजर गया, ऐतबार में
रात कट गई इंतजार में
वो मज़ा कहाँ बसले याद में
लुत्फ जो मिला इंतजार में
Written by:
Fayyaz Ahmed Fayyaz, Fana Nizami, Jagjit Singh
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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