Jagjit Singh - Dohe Main Roya Pardes Mein
मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार
दुख ने दुख से बात किी बिन चिठ्ठी बिन तार
छोटा कर के देखिए जीवन का विस्तार
छोटा कर के देखिए जीवन का विस्तार
आँखों भर आकाश है, बाहों भर संसार
चले थे तन के नाथ को घुऊमेन बस्ती नाथ
चले थे तन के नाथ को घुऊमेन बस्ती नाथ
हर चादर के घेरे से बाहर निकले पाँव
सब की पूजा एक सी अलग अलग हर रीत
सब की पूजा एक सी अलग अलग हर रीत
मसजीिद जाए मौलवीई कोयल गाय गीत
पूजा घर में मूर्ती मीरा के संग श्याम
पूजा घर में मूर्ती मीरा के संग श्याम
जिसकी जितनी चाकरी उतने उस के नाम
नदियाँ सींचे खेत को तोता कुतरे आम
नदियाँ सींचे खेत को तोता कुतरे आम
सूरज देके तार सा सब को बाँट के खाए
सातों दिन भगवान के क्या मंगल क्या पीर
सातों दिन भगवान के क्या मंगल क्या पीर
जिस दिन सोए देर तक भुऊका रहे फ़कीर
अच्च्छीी संगत बैठ कर सांगी बदल जाएँ
अच्च्छीी संगत बैठ कर सांगी बदल जाएँ
जैसे मिल कर आम से मीठी हो गाइ धुप
सपना झरना नींद का जागी आधीी प्यास
सपना झरना नींद का जागी आधीी प्यास
पाना खोना खोजना साँसों का इतिहास
चाहे गीता बांचिए या पाडीए क़ुरान
चाहे गीता बांचिए या पाडीए क़ुरान
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक आ गयाँ
चाहे गीता बांचिए या पाडीए क़ुरान
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक आ गयाँ
मेरा तेरा प्यार ही हर पुस्तक आ गयाँ
Written by:
Muqtida Hasan Nida Fazli, Jagjit Singh
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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