Suresh Wadkar - Dohe

जल से दीपक जल गये पानी हो गया तेल
जल से दीपक जल गये पानी हो गया तेल
खारा जल मीठा किया साई के सब खेल
खारा जल मीठा किया साई के सब खेल

साई सुमिरन जो करे वो निर्भय हो जाए
साई सुमिरन जो करे वो निर्भय हो जाए
उसकी झूठी वासना चिर निद्रा सो जाए
उसकी झूठी वासना चिर निद्रा सो जाए

घर घर भिक्षा माँगते शिर्डी के भगवान
घर घर भिक्षा माँगते शिर्डी के भगवान
भिक्षा ले देते हूमें शुख शांति सनमान
भिक्षा ले देते हूमें शुख शांति सनमान

नींव वृक्ष पावन किया करके गुरु का ध्यान
नींव वृक्ष पावन किया करके गुरु का ध्यान
कड़वे पत्ते हो गये बिल्कुल शहद समान
कड़वे पत्ते हो गये बिल्कुल शहद समान

बाबा तो ऐसे सखी देते जीवन दान
बाबा तो ऐसे सखी देते जीवन दान
अंधे को आँखें मिले निर्धन हो धनवान
अंधे को आँखें मिले निर्धन हो धनवान

मज़्ज़िद में धुनि जले मंदिर में अज़ान
मज़्ज़िद में धुनि जले मंदिर में अज़ान
शिर्डी साई धाम में कर सजदा और ध्यान
शिर्डी साई धाम में कर सजदा और ध्यान
शिर्डी साई धाम में कर सजदा और ध्यान

Written by:
WADKUR SURESH

Publisher:
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Suresh Wadkar

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