Kishore Kumar and Asha Bhosle - Dooriyan Nazdikiyan Ban Gayi

दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें
अनकही अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें
अनकही अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है

आईसी मिली दो निगाहें
मिलती हैं जैसे दो राहें
जागी ये उलफत पुरानी गाने
लगी हैं फ़िज़ाइं आ आ
आईसी मिली दो निगाहें
मिलती हैं जैसे दो राहें
जागी ये उलफत पुरानी गाने
लगी हैं फ़िज़ाइं आ आ
प्यार की शहनाईया बाज
गयी अजब इत्तिफ़ाक़ हैं
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डाली कितनी बाते अनकही
अजब इत्तफाक है

एक डगर पे मिले हैं हम
तुम तुम हम दो साए
ऐसा लगा तुमसे मिलकर
दिन बचपन के आए आ आ
एक डगर पे मिले हैं हम
तुम तुम हम दो साए
ऐसा लगा तुमसे मिलकर
दिन बचपन के आए आ आ
वादियाँ उम्मीद की साज
गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डाली कितनी बाते अनकही
अजब इत्तफाक है

पहले कभी अजनबी
थे अब तो मेरी ज़िंदगी हो
सपनों में देखा
था जिसको साथी पुराने
तुम ही हो हो हो हो
पहले कभी अजनबी
थे अब तो मेरी ज़िंदगी हो
सपनों में देखा
था जिसको साथी पुराने
तुम ही हो हो हो हो
बस्तियाँ अरमान की
बस गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डाली कितनी बाते अनकही
अजब इत्तफाक है
दूरियाँ नज़दीकियाँ
बन गयी अजब इत्तिफ़ाक़ है

Written by:
JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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