Jagjit Singh - Ek Parvaz Dikhayi Di Hai

एक परवाज़ दिखाई दी है
एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
एक परवाज़ दिखाई दी है

जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ
उसने सदियों की जुदाई दी है
उसने सदियों की जुदाई दी है
उसने सदियों की जुदाई दी है
उसने सदियों की जुदाई दी है

सिर्फ़ इक सफ़हा पलट कर उसने
सिर्फ़ इक सफ़हा पलट कर उसने
सारी बातों की सफ़ाई दी है
सारी बातों की सफ़ाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
एक परवाज़ दिखाई दी है

फिर वहीं लौट के जाना होगा
फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है
यार ने कैसी रिहाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
एक परवाज़ दिखाई दी है

आग में क्या-क्या जला है शब भर
आग में क्या-क्या जला है शब भर
कितनी ख़ुशरंग दिखाई दी है
कितनी ख़ुशरंग दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है
एक परवाज़ दिखाई दी है
तेरी आवाज़ सुनाई दी है

Written by:
GULZAR, JAGJIT SINGH

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Jagjit Singh

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