Kishore Kumar - Haal Kya Hai Dilon Ka

हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम
आप का मुस्कुराना
गज़ब ढा गया
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम
आप का मुस्कुराना
गज़ब ढा गया
एक तो महफ़िल
तुम्हारी हसीं कम न थी
एक तो महफ़िल
तुम्हारी हसीं कम न थी
उसपे मेरा तराना
गजब ढा गया
एक तो महफ़िल
तुम्हारी हसीं कम न थी
उसपे मेरा तराना
गजब ढा गया
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम

अब तो लहराया
मस्ती भरी छाँव में
अब तो लहराया
मस्ती भरी छाँव में
बाँध दो चाहे घुँघरू
मेरे पॉंव में
बाँध दो चाहे घुँघरू
मेरे पॉंव में
मैं बहकता नहीं था
मगर क्या करूँ
मैं बहकता नहीं था
मगर क्या करूँ
आज मौसम सुहाना
गजब ढा गया
मैं बहकता नहीं था
मगर क्या करूँ
आज मौसम सुहाना
गजब ढा गया
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम

हर नज़र उठ रही है तुम्हारी तरफ
हर नज़र उठ रही है नज़र उठ रही है
हर नज़र उठ रही है तुम्हारी तरफ
और तुम्हारी नज़र है हमारी तरफ
और तुम्हारी नज़र है हमारी तरफ
आँख उठाना तुम्हारा तो फिर ठीक था
आँख उठाना तुम्हारा तो फिर ठीक था
आँख उठाकर झुकाना
गजब ढा गया
आँख उठाना तुम्हारा तो फिर ठीक था
आँख उठाकर झुकाना
गजब ढा गया
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम

मस्त आँखों का जादू जो सामिल हुआ
मस्त आँखों का जादू
मस्त आँखों का जादू
मस्त आँखों का
मस्त आँखों का जादू जो सामिल हुआ
मेरा गाना भी सुनने के काबिल हुआ
मेरा गाना भी सुनने के काबिल हुआ
जिसको देखो वही आज बेहोस है
जिसको देखो वही आज बेहोस है
आज तो मैं दीवाना गजब ढा गया
जिसको देखो वही आज बेहोस है
आज तो मैं दीवाना
गजब ढा गया
एक तो महफ़िल
तुम्हारी हसीं कम न थी
उसपे मेरा तराना
गजब ढा गया
हाल क्या है दिलों का
ना पूछो सनम

Written by:
LAXMIKANT PYARELAL, MAJROOH SULTANPURI

Publisher:
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Kishore Kumar

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