Kishore Kumar and अमीन सयानी - Hay Hay Yeh Nigahen
शम्मा जलती है जले
शम्मा जलती है जले, रात ढलती है ढले
छोड़ के ऐसी महफ़िल, हम नहीं जाने वाले
हाय हाय हाय ये निगाहें
हाय हाय हाय ये निगाहें
कर दे शराबी जिसे चाहें जिसे चाहें
मैं तो मैं तो भूल गया राहें
रात हसीं है जवाँ हैं नज़ारे
झूम चले हम दिल के सहारे
रात हसीं है जवाँ हैं नज़ारे
झूम चले हम दिल के सहारे
आज कोई हमको न पुकारे
ए हे हे हे
रोकती हैं मेरी राहें
मय की बोतल जैसी बाहें
हाय हाय ये निगाहें
हाय हाय हाय ये निगाहें
कर दे शराबी जिसे चाहें जिसे चाहें
मैं तो मैं तो भूल गया राहें
यूँ जो समा बहका बहका हो
हम भी ज़रा बहके तो मज़ा हो
ए हे हे हे हे हुँ हुँ हुँ
यूँ जो समा बहका बहका हो
हम भी ज़रा बहके तो मज़ा हो
आँख पिये और दिल को नशा हो
हो हो हो हो हो
ये इशारे ये अदाए
मय की बोतल जैसी बाहें
हाय हाय ये निगाहें
हाय हाय हाय ये निगाहें
कर दे शराबी जिसे चाहें जिसे चाहें
मैं तो मैं तो भूल गया राहें
हाय हाय हाय हाय
याद नहीं याद नहीं मेरा प्यार यहीं है
या मेरी मंजिल और कहीं है
याद नहीं मेरा प्यार यहीं है
या मेरी मंजिल और कहीं है
देखो मुझे कुछ होश नहीं है
ए हे हे हे हे हुँ हुँ हुँ
तोबा तोबा ये निगाहें
मय की बोतल जैसी बाहें
हाय हाय ये निगाहें
हाय हाय हाय ये निगाहें
अरे कर दे शराबी जिसे चाहें जिसे चाहें
मैं तो मैं तो भूल गया राहें
Written by:
MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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