Lata Mangeshkar and Kishore Kumar - Hazaar Rahen Mud Ke Dekhin
हज़ार राहे मुड़के देखी
कही से कोई सदा ना आई
बड़ी वफ़ा से निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
जहाँ से तुम मोड़ मूड गये थे
जहाँ से तुम मोड़ मूड गये थे
ये मोड़ अब भी वही पड़े है
हम अपने पैरो मे जाने कितने
हम अपने पैरो मे जाने कितने
भवर लपेटे हुए खड़े है
बड़ी वफ़ा से निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
कही किसी रोज़ यू भी होता
कही किसी रोज़ यू भी होता
हमारी हालत तुम्हारी होती
जो राते हमने गुज़ारी मरके
जो राते हमने गुज़ारी मरके
वो रात तुमने गुज़ारी होती
बड़ी वफ़ा से निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
तुम्हे ये ज़िद थी के हम बुलाते
हमे ये उम्मीद वो पुकारे
है नाम होठों पे अब भी लेकिन
आवाज़ मे पड़ गई दरारे
हज़ार रहे मुड़के देखी
कही से कोई सदा ना आई
बड़ी वफ़ा से निभाई तुमने
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई
Written by:
GULZAR, MOHAMMED ZAHUR KHAYYAM
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find