Mukesh - Hum Hindustani

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को, जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

हम को कितने ताजमहल है और बनाने
कितने ही अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने

नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

आ.. आ..
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को, गौतम कि भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं

नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

हर ज़र्रा है मोती, आँख उठाकर देखो
माटी में सोना है, हाथ बढ़ाकर देखो
सोने कि ये गंगा है, चांदी की यमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो

नया खून है, नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी

Written by:
Kamal Joshi, Prem Dhawan, Usha Khanna

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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