Lata Mangeshkar and Mukesh - Hum Tum Yug Yug Se

आह आ आ आह आ आ (आह आ आ आह आ आ)

हम तुम युग-युग से ये
गीत मिलन के गाते रहे हैं
गाते रहेंगे

हम तुम जग में जीवन साथी
बन के आते रहे हैं
आते रहेंगे

हम तुम युग-युग से ये (हम तुम युग-युग से ये)
गीत मिलन के गाते रहे हैं (गीत मिलन के गाते रहे हैं)
गाते रहेंगे (गाते रहेंगे)
हम तुम ( हम तुम)

जब-जब हमने जीवन पाया
जब-जब ये रूप सजा सजना
हर बार तुम्हीं ने माँग भरी
तुमने ही पेहेनाये कँगना

हम फूल बने या राख हुए
पर साथ नहीं छूटा अपना
हर बार तुम्हीं तुम आन बसे
इन आँखों में बनके सपना

आह आ आ आह आ आ (आ आ आ आ)
हम तुम युग-युग से ये (हम तुम युग-युग से ये)
गीत मिलन के गाते रहे हैं (गीत मिलन के गाते रहे हैं)
गाते रहेंगे (गाते रहेंगे)
हम तुम ( हम तुम)

आह आ आ आह
आह आ आ आह
ओह हो हो
ओह हो हो

सावन में जब कभी भी
ये बादल गगन पे छाये
बिजली से डर गए तुम
डर कर करीब आये

फिर क्या हुआ बताओ
बरसात थम न जाए
बरसात थम न जाए

युग-युग से ये
गीत मिलन के गाते रहे हैं
गाते रहेंगे (गाते रहेंगे)
हम तुम ( हम तुम)

जग ये बंधन ना तोड़ सका
हम तोड़ के हर दीवार मिले
इस जनम-जनम की नदिया के
इस पार मिले, उस पार मिले

भगवान ने पूछा मांगो तो
तुमको सारा संसार मिले
पर हमने कहा संसार नहीं
हमको साजन का प्यार मिले
आह आ आ आह

आह आ आ आह (आह आ आ आह)

हम तुम युग-युग से ये
गीत मिलन के गाते रहे हैं
गाते रहेंगे

Written by:
ANAND BAKSHI, LAXMIKANT PYARELAL

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar and Mukesh

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