Mukesh - Husn-E-Jaana

हुस्न-ए-जाना इधर आ, आईना हूँ मैं तेरा
हुस्न-ए-जाना इधर आ, आईना हूँ मैं तेरा
मैं सवारूँगा तुझे, सारे ग़म दे दे मुझे
भीगी पलकें ना झूका, आईना हूँ मैं तेरा

कितने ही दाग उठाए तूने
मेरे दिनरात सजाए तूने
चूम लूँ आ मैं तेरी पलकों को
दे दूँ ये उम्र तेरी ज़ुल्फों को
ले के आँखों के दिए, मुस्कुरा मेरे लिए
मेरी तस्वीर-ए-वफ़ा, आईना हूँ मैं तेरा

तेरी चाहत है इबादत मेरी
देखता रहता हूँ सूरत तेरी
घर तेरे दम से है मंदिर मेरा
तू है देवी मैं पूजारी तेरा
सजदे सौ बार करूँ, आ तुझे प्यार करूँ
मेरी आगोश में आ, आईना हूँ मैं तेरा
मैं सवारूँगा तुझे, सारे ग़म दे दे मुझे
भीगी पलकें ना झूका, आईना हूँ मैं तेरा
हुस्न-ए-जाना इधर आ, आईना हूँ मैं तेरा

Written by:
Majrooh Sultanpuri, Naushad

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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