Mohammed Rafi - Is Rang Badalti Duniya Mein
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धजकर ईमान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धजकर ईमान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में
ये दिल है बड़ा ही दीवाना छेड़ा न करो इस पागल को
ये दिल है बड़ा ही दीवाना छेड़ा न करो इस पागल को
तुम से न शरारत कर बैठे नादान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धजकर ईमान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में
काँधे से हटा लो सर अपना ये प्यार मुहब्बत रहने दो
काँधे से हटा लो सर अपना ये प्यार मुहब्बत रहने दो
कश्ती को सम्भालो मौजों में तूफ़ान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धजकर ईमान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में
मैं कैसे खुदा हाफ़िज़ कह दूँ मुझको तो किसी का यकीन नहीं
मैं कैसे खुदा हाफ़िज़ कह दूँ मुझको तो किसी का यकीन नहीं
छुप जाओ हमारी आँखों में भगवान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में इंसान की नीयत ठीक नहीं
निकला न करो तुम सज-धजकर ईमान की नीयत ठीक नहीं
इस रंग बदलती दुनिया में
Written by:
Hasrat Jaipuri, Shankar-Jaikishan
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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