Mahendra Kapoor - Jab Yaad Ki Badli Chhati Hai

जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है

मुझे सुलाने की खातिर रात भी थक-थक जाती है
मुझे सुलाने की खातिर रात भी थक-थक जाती है
पर नीद मेरी तो
पर नीद मेरी तो पगली ठहरी
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है

तू क्या तेरा वादा क्या हर बात तेरी शर्माती है
तू क्या तेरा वादा क्या हर बात तेरी शर्माती है
पैट मिट जाएगी
पर मिट जाएगी प्यार में हम
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है

चार दिवारी मंदिर की
याद तेरी मोहरति है
चार दिवारी मंदिर की
याद तेरी मोहरति है
पर खाली मदिर
पर खाली मंदिर में पूजा तो मन की थकन बढ़ाती है
जब याद की बदली छाती है
तब आँख मेरी भर आती है

Written by:
Jagdish Khanna, Manoj Kumar, Uttam Singh

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Mahendra Kapoor

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