Lata Mangeshkar - Jahan Pe Sawera Ho Basera Wahin [Soundtrack]

कभी पास बैठो, किसी फूल के पास
सुनो जब ये महकता है, बहोत कुछ ये कहता है
हो कभी गुनगुनाके, कभी मुस्कुराके
कभी गुनगुनाके, कभी मुस्कुराके
कभी चुपके चुपके, कभी खिलखिलाके
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है

ओ ओ ओ ओ ओ कभी छोटे छोटे शबनम के कतरे
कभी छोटे छोटे शबनम के कतरे
देखे तो होंगे सुबह और सवेरे
ये नन्ही सी आँखें जागी है शब भर
बहोत कुछ है दिल मैं बस इतना है लब पर
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है

ना मिटटी ना गारा, ना सोना सजाना
ना मिटटी ना गारा, ना सोना सजाना
जहाँ प्यार देखो वहीं घर बनाना
ये दिल की इमारत बनती है दिल से
दिलासा को छू के उम्मीदों से मिलके
जहाँ पे सवेरा हो अह
जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है
जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है
जहाँ पे बसेरा हो सवेरा वहीं है

Written by:
SUNIL GANGULY

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Lata Mangeshkar

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