Nahid Akhtar - Jahan Tera Naqshe
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
खियांबा खियांबा इरम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
खियांबा खियांबा इरम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
तेरे सैर ए कामता से इक कद आदम
तेरे सैर ए कामता से इक कद आदम
तेरे सैर ए कामता से इक कद आदम
तेरे सैर ए कामता से इक कद आदम
क़यामत के फ़ितने को कम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
तमाशा किए महेराई न दारी
तमाशा किए महेराई न दारी
तमाशा किए महेराई न दारी
तमाशा किए महेराई न दारी
तुझे किस तमन्ना से हम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
बना कर फकीरो का हम भी गालिब
बना कर फकीरो का हम भी गालिब
बना कर फकीरो का हम भी गालिब
बना कर फकीरो का हम भी गालिब
तमाशा क्यू एहले करम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
खियांबा खियांबा इरम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
जहां तेरा नक्श-ए-कदम देखते हैं
Written by:
GHALIB, KAMAL AHMED
Publisher:
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