Kishore Kumar - Jan-E-Janan Jao Kal Phir Aana
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
अब याद रखना राह ये दिलबर
लूटा है इसपे तुमने बहार में
कल तक वहीं पर आँख बिछाए
बैठा रहूँगा मै इंतज़ार में
जाओ करो ना बेक़ल दिल रहा है मचल
बाक़ी बातें होंगी कल अभी क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
थोड़ी अभी तो नज़र झुकाओगी
थोड़ा अभी तो शरमाओगी तुम
पहला ही दिन है अपने मिलन का
दो चार दिन में खुल जाओगी तुम
इसे कहते हैं प्यार सिखाऊँगा मैं यार
हूँ तुम्हारा दावेदार आगे क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
पागल कहो तुम हसकर मुझको
या दिल ही दिल में दीवाना समझो
पर ये तुम्हारी कैसी अदा है
अपने किसी को बेगाना समझो
जा समझ में हो कम ना उमर में हो कम
अब तुमसे सनम मैं क्या कहूँ
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
जाने जानाँ जाओ कल फिर आना
यूँही किसी मोड़ पे मिल जाना
Written by:
MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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