Jagjit Singh - Jao Ab Subah Hone Wali Hai
हे आ आ आ आ आ आ
ही ए आ आ आ आ आ आ
ए ए ए ए,आ आ आ आ आ
ए ए ए ए ए ए ए ए
भूल जाओ तमाम बातों को
इन ख़यालों को महव कर डालो
पोंछ लो अश्क अपने दामन से
उलझे उलझे से बाल सुलझा लो (वाह वाह)
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
अब ना आँसू बहाओ जाने दो
आओ रुख़सत हों मुस्कुराते हुए
अब ना आँसू बहाओ जाने दो
आओ रुख़सत हों मुस्कुराते हुए
दाग़ रह जाएगा मेरे दिल पर
रोते देखा जो तुमको जाते हुए
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
ख़ून-ए-हसरत छलक रहा है आज
हुस्न-ए-गिरिया के आबगीने से
ख़ून-ए-हसरत छलक रहा है आज
हुस्न-ए-गिरिया के आबगीने से
चूम कर मेरे सर्द होंठों को
खींच लो रूह मेरे सीने से
जाओ अब सुबह होने वाली है
सर उठाओ ज़रा इधर देखो
इक नज़र आख़री नज़र देखो
सर उठाओ ज़रा इधर देखो
इक नज़र आख़री नज़र देखो
शम्म-ए-उम्मीद तुम भी गुल कर लो
आरज़ू मैंने फूँक डाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
जाओ अब सुबह होने वाली है
Written by:
JAGJIT SINGH, TRADITIONAL
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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