Kishore Kumar - Jeevan Se Bhari Teri Ankhen

जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करे जीने के लिये जीने के लिये
सागर भी तरसते रहते हैं
तेरे रूप का रस पीने के लिये पीने के लिये
जीवन से भरी तेरी आँखें

तस्वीर बनाये क्या कोई
क्या कोई लिखे तुझपे कविता
रंगों छंदों में समाएगी
रंगों छंदों में समाएगी
किस तरह से इतनी सुंदरता सुंदरता
एक धड़कन है तू दिल के लिये
एक जान है तू जीने के लिये जीने के लिये
जीवन से भरी तेरी आँखें

मधुबन कि सुगंध है साँसों में
बाहों में कंवल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरनों की है तुझ में चंचलता चंचलता
आंचल का तेरे एक तार बहुत
कोई छाक जिगर सीने के लिये सीने के लिये
जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करे जीने के लिये जीने के लिये
जीवन से भरी तेरी आँखें

Written by:
INDEEWAR, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar

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