Babul Supriyo - Jiski Aankhon Mein
Hmm, जिसकी आँखों में शराब ही शराब
जिसके होंठों पे गुलाब ही गुलाब, ayy
Hmm, जिसकी आँखों में शराब ही शराब
जिसके होंठों पे गुलाब ही गुलाब
जिसके हुस्न के चर्चे हज़ार है
जिसको देख के सब बेक़रार है
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
होश है, ना ख़्याल है, मुझको सँभालो ना
Hey, देखो ना कैसा हाल है, उसको बता दो ना
जिसके प्यार का मुझपे ख़ुमार है
जिसकी साँसों में महकी बहार है
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
देखा जो पहली बार तो खोया मैं ख़ाबों में
उसका ही सिर्फ नाम है मेरी किताबों में
उसका ही मुझे अब इंतज़ार है
चाहेगी मुझे, क्यूँ ऐतबार है
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
हाँ, जिसकी आँखों में शराब ही शराब
जिसके होंठों पे गुलाब ही गुलाब
जिसके हुस्न के चर्चे हज़ार है
जिसको देख के सब बेक़रार है
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
वी हसीना है सबसे नयी
मुझको दीवाना करके गई
Written by:
Sajid Khan, Sameer, Wajid Khan
Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC
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