Lata Mangeshkar and एम् जी श्रीकुमार - Jiya Jale

जिया जले जाँ जले

जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले

पुन्चिरी थनु कोंचीको
मुन्थिरी मुत्थम चिन्थीको
मंचनी वर्ण सुंदरी वावे
थान्कीनाका
थाकधिमी आडुम थन्कानीलावे होय
पुन्चिरी थनु कोंचीको
मुन्थिरी मुत्थम चिन्थीको
मंचनी वर्ण सुंदरी वावे
थान्कीनाका
थाकधिमी आडुम थन्कानीलावे होय
थंक कोलूसल्ले
कुरुम कुईलल्ले
मारन मयीलल्ले
थंक कोलूसल्ले
कुरुम कुईलल्ले
मारन मयीलल्ले

जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री
जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री
जिया जले जाँ जले

देखते हैं तन मेरा मन में चुभती है नज़र

देखते हैं तन मेरा मन में चुभती है नज़र
होंठ सिल जाते उनके नर्म होंठों से मगर
गिनती रहती हूँ मैं अपनी करवटों के सिलसिले
क्या करूँ कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले
जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री
जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले
रात भर धुआँ चले
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री
जिया जले जाँ जले

हे कुरुवनीकिलिये कुरुवनीकिलिये
कुकुरू कुरूकुरू कूकी कुरुकी कुन्निमरथिल उयल आड़ी
कोडुम ओरिक्के कूटू विलीकुन्ने
मारण निन्ने कूकी कुरुकी कूटू विलीकुन्ने
कुकुरू कुरूकुरू कूकी कुरुकी कुन्निमरथिल उयल आड़ी
कोडुम ओरिक्के कूटू विलीकुन्ने
मारण निन्ने कूकी कुरुकी कूटू विलीकुन्ने
थंक कोलूसल्ले
कुरुम कुईलल्ले
मारण मयीलल्ले
थंक कोलूसल्ले
कुरुम कुईलल्ले
मारण मयीलल्ले

अंग अंग में जलती हैं दर्द की चिंगारियाँ
मसले फूलों की महक में तितलियों की क्यारियाँ
रात भर बेचारी मेहन्दी पिसती है पैरों तले
क्या करूँ कैसे कहूँ रात कब कैसे ढले
जिया जले जाँ जले नैनों तले
धुआँ चले धुआँ चले(धुआँ चले)
रात भर धुआँ चले
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री
जिया जले जाँ जले नैनों तले(जिया जले)
धुआँ चले धुआँ चले(जिया जले)
रात भर धुआँ चले(जिया जले)
जानूँ ना जानूँ ना जानूँ ना सखी री(जाँ जले)

जिया जले

Written by:
GULZAR, A. R. RAHMAN, GIRISH PULTHENCHRI

Publisher:
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