Mohammed Rafi - Kahan Ja Raha Hai

कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
अँधेरा है मन
का दीया तो जला ले
कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
कहा जा रहा है

ये जीवन सफर एक
अँधा सफ़र है
ये जीवन सफर एक
अँधा सफ़र है
बहकना है मुमकिन
भटकने का डर है
बहकना है मुमकिन
भटकने का डर है
संभलता नहीं
दिल किसी के सम्भाले
कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
कहा जा रहा है

जो ठोकर न खाए
नहीं जीत उसकी
जो ठोकर न खाए
नहीं जीत उसकी
जो गिर के संभल
जाए है जीत उसकी
जो गिर के संभल
जाए है जीत उसकी
निशा मंज़िलो के
ये पैरो के छाले
कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
कहा जा रहा है

आ आ आ आ
कभी ये भी सोचा
की मंजिल कहा है
कभी ये भी सोचा
की मंजिल कहा है
बड़े से जहा में
तेरा घर कहा है
तेरा घर कहा है
तेरा घर कहा है
जो बंधे थे बंधन
वो क्यों तोड़ डाले
कहा जा रहा है
तू ऐ जाने वाले
कहा जा रहा है
कहा जा रहा है
कहा जा रहा है
कहा जा रहा है

Written by:
SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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