तालात महमूद and Geeta Dutt - Kaise Rokenge Aise Toofan Ko
कैसे कैसे रोकोगे
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
ओ ओ कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
ये उमंगें ये दिल है जवान हो
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
ये उमंगें ये दिल है जवान हो
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
बून्द कल की बनी आज धारा
बह चला जिसमे जीवन हमारा
बून्द कल की बनी आज धारा (ओ ओ)
बह चला जिसमे जीवन हमारा (ओ ओ)
जिसको छू करके डूबे हजारों
जिसको छू करके डूबे हजारों (ओ ओ)
ढूंढता है ये दिल वो किनारा (ओ ओ)
ढूंढता है ये दिल वो किनारा (ओ ओ)
मन के पंछी की पागल उड़ान को
मन के पंछी की पागल उड़ान को
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
अपने मन को मनाओगे कैसे
आग फैली बुझाओगे कैसे
अपने मन को मनाओगे कैसे (ओ ओ)
आग फैली बुझाओगे कैसे (ओ ओ)
जिसका कोई नहीं है किनारा
जिसका कोई नहीं है किनारा (ओ ओ)
ऐसा सागर सुखोगे कैसे (ओ ओ)
ऐसा सागर सुखोगे कैसे (ओ ओ)
कैसे बांधोगे आसमान को
कैसे बांधोगे आसमान को
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को
ये उमंगें ये दिल है जवान हो
कैसे रोकोगे ऐसे तूफान को ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ
Written by:
SHAILENDRA, KUMAR HEMANT
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
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