Lata Mangeshkar and Kishore Kumar - Kanchi Re Kanchi [Revival]

ऐ हो
ऐ हो
हे काँची
कांची रे कांची रे
प्रीत मेरी साँची
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो कांची रे कांची रे
प्रीत मेरी साँची
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के

तेरे हाथों में है मेरी डोरी जैसी
कच्चे धागे से मैं बंधा आया ऐसे
हो तेरे हाथों में है मेरी डोरी जैसी
कच्चे धागे से मैं बंधा आया ऐसे
मुश्किल है जीना, दे दे ओ हसीना
मुश्किल है जीना, दे दे ओ हसीना
वापस मेरा दिल मोड़ के
ऐ ऐ
कांची रे कांची रे
प्रीत मेरी साँची
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के

झूठा है ये गुस्सा तेरा, सच्चा नहीं
सच्चे प्रेमी को तड़पाना अच्छा नहीं
हो झूठा है ये गुस्सा तेरा, सच्चा नहीं
सच्चे प्रेमी को तड़पाना अच्छा नहीं
वापस न आऊँगा, मैं जो चल जाऊँगा
वापस न आऊँगा, मैं जो चल जाऊँगा
ये तेरी गलियाँ छोड़ के
ऐ ऐ

कांचा रे कांचा रे
प्यार मेरा साचा
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो कांचा रे कांचा रे
प्यार मेरा साचा
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो
हो
रंग तेरे में ये तन रंग लिया
तन क्या है मैंने मन रंग लिया
हो रंग तेरे में ये तन रंग लिया
तन क्या है मैंने मन रंग लिया
बस चुप ही रहना, अब फिर ना कहना
बस चुप ही रहना, अब फिर ना कहना
रुक जा, न जा दिल तोड़ के
कांचा रे कांचा रे
प्यार मेरा साचा
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के
हो कांचा रे कांचा रे
प्यार मेरा साचा
रुक जा, न जा
दिल तोड़ के

हो
कांची रे कांची रे
कांचा रे कांचा रे
कांची रे कांची रे
कांचा रे कांचा रे
कांची रे कांची रे
कांचा रे कांचा रे

Written by:
ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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