Kanwar Ajit Singh - Kaun Kisko Janta Hai
कौन किसको जानता है इन दिनों
फासला ही फासला है इन दिनों
वह की जो खुद जाट से अंजुमन
क्या अकेला हो गया है इन दिनों
मंज़िलों की जुस्तजू में जिंदगी
रास्ता ही रास्ता है इन दिनों
कभी कभी यूँ भी होता है
जी भरके दिल यह रोटा है
भुलेगी न तू मुझे
भूलूँगा न मैं तुझे
दिल को दीवाना कर लूं
जग से बेगाना कर लूं
तूने शीशा तोड़ दिया
दोराहे पे छोड़ दिया
चाहा तुझे भुला दूँ मैं
जलाता दिया बुझा दूं मैं
झुटे है यह रिश्ते दिल के
जान अब्ब यह तुझसे मिलके
ठहरी ठहरी लगाती है दुनिया
मैं रौ तोह हसती है दुनिया
तीखा है खुशियों का मेला
कितना है यह दिल अकेला
दिल को दीवाना कर लूं
जग से बेगाना कर लूं
तूने शीशा तोड़ दिया
दोराहे पे छोड़ दिया
आँखों से जो आंसू बहेंगे
मेरे घुम की बातें कहेंगे
ऐसा होगा यह क्या पता था
मंज़िल घूम थी खोया रास्ता था
कैसे दिल को आये सुकून
गाते गाते कहाँ मैं रुकू
गाते गाते कहाँ मैं रुकू ओ ओ
Written by:
Rajesh Johri, Ajit Singh
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find