Kishore Kumar - Khilte Hain Gul Yahan

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
खिलते हैं गुल यहाँ
खिल के बिखरने को
खिलते हैं गुल यहाँ
खिल के बिखरने को
मिलते हैं दिल यहाँ
मिल के बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ

कल रहे ना रहे
मौसम ये प्यार का
कल रुके न रुके
डोला बहार का
कल रहे ना रहे
मौसम ये प्यार का
कल रुके न रुके
डोला बहार का
चार पल मिले जो आज प्यार में गुज़ार दे
खिलते हैं गुल यहाँ खिल के बिखरने को खिलते हैं गुल यहाँ

हो हो हो हो हो हो हो हो हो हा झीलों के होंठों पर
मेघों का राग है
फूलों के सीने में
ठंडी ठंडी आग है
झीलों के होंठों पर
मेघों का राग है
फूलों के सीने में
ठंडी ठंडी आग है
दिल के आईने में
तू ये समां उतार दे
खिलते हैं गुल यहाँ खिल के बिखरने को खिलते हैं गुल यहाँ

प्यासा है दिल सनम
प्यासी ये रात है
होंठों में दबी दबी कोई मीठी बात है
प्यासा है दिल सनम
प्यासी ये रात है
होंठों में दबी दबी कोई मीठी बात है
इन लम्हों पे आज तू
हर खुशी निसार दे
खिलते हैं गुल यहाँ
खिल के बिखरने को
मिलते हैं दिल यहाँ
मिल के बिछड़ने को
खिलते हैं गुल यहाँ

Written by:
Neeraj, S D Burman

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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Kishore Kumar

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