Kishore Kumar - Koi Hamdam Na Raha

हे हे हे हे हो हो हो हो
हम् हम् हम् म्म म्म

कोई हमदम न रहा
कोई सहारा न रहा
हम किसी के न रहे
कोई हमारा न रहा
कोई हमदम न रहा
कोई सहारा न रहा

शाम तन्हाई की है
आएगी मंज़िल कैसे
शाम तन्हाई की है
आएगी मंज़िल कैसे
जो मुझे राह दिखाए
वही तारा न रहा
कोई हमदम न रहा
कोई सहारा न रहा

क्या बताऊँ मैं कहाँ
यूँ ही चला जाता हूँ
क्या बताऊँ मैं कहाँ
यूँ ही चला जाता हूँ
जो मुझे फिर से बुला ले
वो इशारा न रहा
कोई हमदम न रहा
कोई सहारा न रहा
हम किसी के न रहे
कोई हमारा न रहा

Written by:
Majrooh Sultanpuri, Kishore Kumar

Publisher:
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Kishore Kumar

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