Hariharan - Koi Patta Hile
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
तू सितम से ना खींच हाथ अभी
तू सितम से ना खींच हाथ अभी और कुछ दिन
और कुछ दिन ये सिलसिला तो चले
और कुछ दिन ये सिलसिला तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
मंजिले खुद करीब आयेंगी
मंजिले खुद करीब आयेंगी
ए अज़ीज़ानो काफ़िला तो चले
ए अज़ीज़ानो काफ़िला तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
शहर हो गाँव हो या घर अपना
शहर हो गाँव हो या घर अपना, आबोदाना ही
आबोदाना ही उठ गया तो चले
आबोदाना ही उठ गया तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
हर किसी से मिला करो कि ज़फ़र
हर किसी से मिला करो कि ज़फ़र
कौन कैसा है कुछ पता तो चले
कौन कैसा है कुछ पता तो चले
कौन अपना है ये पता तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
कोई पत्ता हिले हवा तो चले
Written by:
HARIHARAN, ZAFAR KALEEM
Publisher:
Lyrics © Royalty Network
Lyrics powered by Lyric Find