शान, Shekhar Ravjiani and विशाल डडलानी - Kuch Kam

कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गिली है बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम है दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है
यह वक़्त ऐसी
तेरे लिए ही ठेहरा हो जैसे
ममममम मममम मममम
मममम मममम ममममम
कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गिली है बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम है दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है
यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही तेहरा हो जैसे
मममम ममममम मममम
ममममम ममम मममम

क्यों मेरी सांस भी
कुछ भीकी सी है
दूरियों से हुयी
नज़दीकी सी है
ममम क्यों मेरी सांस भी
कुछ भीकी सी है
दूरियों से हुयी
नज़दीकी सी है
जाने क्या ये बात है हां
हर सुबह अब रात है
कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गिली है बारिशें
कुछ कम लहराती है हवा
कुछ कम है दिल में ख़्वाहिशें
थम सा गया है
यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही ठेहरा हो जैसे
ममममम मममम मममम (हा हां हां हां)
ममममम ममम मममम (हा हां हां हां)

फूल महके नहीं
कुछ गुमसुम से है
जैसे रूठे हुवे
कुछ यह तुमसे है

फूल महके नहीं
कुछ गुमसुम से है
जैसे रूठे हुवे
कुछ यह तुमसे है
खुशबूयें ढल गयी (हां हां)
साथ तुम अब जो नहीं (हां हां)
कुछ कम रोशन है रौशनी
कुछ कम गिली है बारिशें
थम सा गया है
यह वक़्त ऐसे
तेरे लिए ही ठेहरा हो जैसे
ममममम मममम मममम (हो हो हो हो )
ममममम ममम मममम (हो हो हो हो )
ममममम ममम मममम (हो हो हो हो )

Written by:
VISHAL DADLANI, SHEKHAR RAVJANI, Shekhar Hasmukh Ravjiani

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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शान, Shekhar Ravjiani and विशाल डडलानी

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