Alka Yagnik - Kunwara Nahin Marna [Jhankar]

नैनों में मेहबूब के

हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

देखूँगी मैं डूब के

हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म

नैनों में मेहबूब के
देखूँगी मैं डूब के
शादी के बाद मैं मर जाऊ
तो ग़म नहीं कवारा नहीं मरना
कवारा नहीं मरना
साहिल पे बैठ के दरिया के
तूफ़ान का नज़ारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

ये लाज का घूंघट खोलूँगी
ये बात मैं सबसे बोलूँगी
ये लाज का घूंघट खोलूँगी
ये बात मैं सबसे बोलूँगी
मेरे घरवालो चुप रहने का
तुम मुझे इशारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

जा चुटकी भर सिंदूर मँगा
जल्दी से मेरी माँग सजा
जा चुटकी भर सिंदूर मँगा
जल्दी से मेरी माँग सजा
मै मर गई तो लेके मेरा
नाम तू पुकारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

पानी में आग लगानी है इस
दिल पर चोट भी खानी है

आ आ आ आ आ आ

पानी में आग लगानी है इस
दिल पर चोट भी खानी है
हंसना है रोना है जीना है
दिल थाम के गुज़ारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ

ओ ओ आ ओ ओ ओ ओ

दिल का अरमान निकल जाए
फिर चाहे जान निकल जाए

आ आ आ आ आ आ

दिल का अरमान निकल जाए
फिर चाहे जान निकल जाए
ओ दुनिया वालो तुम दो दिलों को
जुदा खुदारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

ये दिल का फूल नहीं खिलता तो
मरके भी चैन नहीं मिलता
ये दिल का फूल नहीं खिलता तो
मरके भी चैन नहीं मिलता
मिलने से पहले तेरी जुदाई
मुझे गवारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना
शादी के बाद मैं मर जाऊ
तो गम नहीं कवारा नहीं मरना
कवारा नहीं मरना
साहिल पे बैठ के दरिया के
तूफ़ान का नज़ारा नहीं करना
कवारा नहीं मरना

हम्म हम्म हम्म

कवारा नहीं मरना

हम्म हम्म हम्म

कवारा नहीं मरना

Written by:
Anand Bakshi

Publisher:
Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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