Lata Mangeshkar - Lag Ja Gale Se Phir

लग जा गले हं हं हसीं रात हं हं

लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले ये ये

हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से
हमको मिली हैं आज ये घड़ियाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये हमको क़रीब से
फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले ये ये

पास आइये के हम नहीं आएंगे बार बार
पास आइये के हम नहीं आएंगे बार बार
बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार ज़ार
आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
लग जा गले ये ये

Written by:
MADAN MOHAN, RAJA MEHDI ALI KHAN

Publisher:
Lyrics © Royalty Network

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