Kishore Kumar, Anuradha Paudwal and कविता कृष्णमूर्ति - Log Jal Gaye
अरे भाई लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए हे
है है है है हे
हाँ लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए
ओ देखो
ओ किधर
ओ उधर वह वहाँ
हाय हाय हाय हाय हाय
अरे लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए
लोग जल गए (लोग जल गए)
जाने क्या बात हुयी साथी (जाने क्या बात हुयी साथी)
छाती पे तीर चल गए (छाती पे तीर चल गए)
आहे गुस्सा उन्हें आ गया हाँ
हमको मज़ा आ गया हो ओ
गुस्सा उन्हें आ गया ओ
हमको मजा आ गया
यूँ डगमगाये कदम
जैसे नशा छा गया
इस दिल के सारे अरमान निकल गए
होय होय होय होय हे
अरे भाई लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए
लोग जल गए (लोग जल गए)
जाने क्या बात हुयी साथी (जाने क्या बात हुयी साथी)
छाती पे तीर चल गए (छाती पे तीर चल गए)
नफरत के महलों से
गलिया भलि प्यार की
दौलत की काँटो से
कलियाँ भलि प्यार की
हो नफरत के महलों से (नफरत के महलों से)
गलिया भलि प्यार की (गलिया भलि प्यार की)
देखो हमारे रास्ते बदल गए (देखो हमारे रास्ते बदल गए)
है है है है हे
अरे भाई लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए
लोग जल गए (लोग जल गए)
जाने क्या बात हुयी साथी (जाने क्या बात हुयी साथी)
छाती पे तीर चल गए (छाती पे तीर चल गए)
धनवान देखे जरा हा
यह खेल भगवान के हो हो
धनवान देखे जरा
यह खेल भगवान के
रहते नहीं एक से हालात इंसान के
इनको बदलना था यह बदल गए (इनको बदलना था यह बदल गए)
है है है है हे
अरे भाई लोग जल गए
जाने क्या बात हुयी साथी
छाती पे तीर चल गए
ओ देखो
ओ किधर
ओ उधर वह वहाँ
हाय हाय हाय हाय
ए लोग जल गए (लोग जल गए)
जाने क्या बात हुयी साथी (जाने क्या बात हुयी साथी)
छाती पे तीर चल गए (छाती पे तीर चल गए)
लोग जल गए (लोग जल गए)
जाने क्या बात हुयी साथी (जाने क्या बात हुयी साथी)
छाती पे तीर चल गए (छाती पे तीर चल गए)
Written by:
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
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